Print Friendly and PDF e-contents Radhanagari College: Hindi BA II (रोजगार परक पद)

Friday, 17 April 2020

Hindi BA II (रोजगार परक पद)



इकाई 3 
रोजगार परक पद

भारत बहुभाषी देश है। इस देश में हिंदी बोलने,समझने वालों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है।करीब 80% की आबादी हिंदी में बोलने और समझने का कार्य करती है। हिंदी के कारण देश की जनता जानती है, मानती है और समझती हैकि वह भाषा भी हिंदी है जो रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी है। भारत जैसे विशालकाय देश में रोजगार अर्जन की अनेक संभावनाएं हिंदी के माध्यम से संभव है। प्रयोजनमूलक हिंदी का एक प्रमुख लक्ष्य रोजगार परक हिंदी का विकास है।हिंदीभाषा के माध्यम से अध्ययन करने वाले छात्रों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो यही इस प्रश्नपत्र का लक्ष्य रखा गया है। इसी लक्ष्य को मद्देनजर रखकर मानक हिंदी और पारिभाषिक शब्दावली का विवेचन, अनुवाद का रोजगार परक विवेचन,रोजगार परक हिंदी की उपयोगिता और पत्र लेखन जैसे कार्यों को पाठ्यक्रम में विशेष स्थान दिया गया है। हिंदी भाषा विषय मेंसे उपाधि प्राप्त करने के बाद रोजगार के अनेक क्षेत्र और अनेक कला क्षेत्र रोजगार के लिए उपयुक्त है। अलग-अलग क्षेत्रों में हम अपना करियर, भविष्य बना सकते हैं इसी विषय का लक्ष्य यहां रखा गयाहै।
रोजगार परक पद सामान्य परिचय:-
इस इकाई के अंतर्गत हिंदी अनुवादक, राजभाषा अधिकारी, अनुसंधान अधिकारी, निवेदक, क्रीडा समालोचक और गीतकार जैसे रोजगार परक विषयों से अवगत हो और छात्र हिंदी भाषा विषय केमाध्यमसे रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें इस उद्देश्य से वे अध्ययनकरेंऔरललक्ष् पहुंचकर रोजगार अर्जुन करें।

1.हिंदीअनुवादक-
आज वॉइस विकी कर्ण के वध के माहौल में अनुवाद क्षेत्र अधिक महत्वपूर्ण बना है किसी राष्ट्र की सभ्यता संस्कृति को जानना हो तो अनुवादक ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्तमान संदर्भ में अनुवाद का महत्व रोजगार दिलाने वाले साधन के रूप में स्वीकार किया गया है भाषा का अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए रोजगार के अच्छे अवसर उपलब्ध है।हिंदी भाषा के साथ साथ अन्य किसी एक भाषा का ज्ञान छात्रों को होना आवश्यक है। अपनी छात्र पदवी को जीवित शिक्षण तो प्राप्त करते हैं लेकिन रोजगार के अवसर प्राप्त करने में अनेक दिक्कतें आती है लेकिन अनुवाद जैसे क्षेत्र में छात्र प्रवेश करे तो उनके लिए रोजगार के कारण रोजी रोटी प्राप्त हो सकती है आयकर विभाग दूरसंचार क्षेत्र अलग-अलग प्रादेशिक और राष्ट्रीय बैंक बीमा क्षेत्र रेल डाक तार कार्यालय भविष्य निधि कार्यालय इंश्योरेंस कंपनियां भारतीय विमान प्राधिकरण और विभिन्न शासकीय कार्यालयों तथा राजभाषा विभाग में हिंदी अनुवादक की आवश्यकता होती है। इस क्षेत्र में वे आसानी से पद प्राप्त कर सकते हैंतो  दूसरी ओर अन्य भाषा से हिंदी में या हिंदी से अन्य भाषा में साहित्य कृतियों का अनुवाद भी हो सकता है। हिंदी के आधार पर अनुवाद क्षेत्र में रोजगार पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।जैसे कि साहित्य क्षेत्र जनसंचार क्षेत्र प्रिंट मीडिया पर्यटन क्षेत्र फिल्म क्षेत्र समाचार क्षेत्र शिक्षा क्षेत्र क्षेत्र प्रशासकीय क्षेत्र वाणिज्य क्षेत्र क्रीडा क्षेत्र विज्ञापन क्षेत्र राष्ट्रीय कृत बैंक का बहुराष्ट्रीय कंपनियों का क्षेत्र धार्मिक तथा सांस्कृतिक क्षेत्र आदि कई क्षेत्रों में अनुवादक के रूप में कार्य करने का सुअवसर मिलता है।(जूनियर) कनिष्ठ अनुवादक,(सीनियर) वरिष्ठ अनुवादक,तेज (आशु)अनुवादक के रूप में छात्र रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। पदवी पद्य शिक्षण अथवा अनुवादक पदविका प्राप्त करने के बाद छात्र ऑनलाइन ऑफलाइन परीक्षा देकर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं 40000 से लेकर ढाई लाख रुपयों तक उन्हें मासिक वेतन प्राप्त हो सकता है बस सही ज्ञान और जानकारी प्राप्त करना जरूरी है।

2.राजभाषा अधिकारी:-
सरकारी कामकाज के लिएभारत सरकार की सभी मंत्रालयों तथा संबंधित कार्यालयों साथ-साथ भारतीय रेल डाक राष्ट्रीय कृत बैंक दूरसंचार निगम महानगर निगम भविष्य निर्वाह निधी भारतीय आयुर्विमा मंडल न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी आदि विभिन्न जगहों पर राजभाषा अधिकारी की नियुक्ति होती है यह पद राजभाषा अधिकारी प्रथम दर्जा का रहता है। राजभाषा अधिकारी को अपने कार्यालय में हिंदी के प्रचार प्रसार हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभानी पड़ती है अपने क्षेत्रीय कार्यालय और संलग्न विभिन्न कार्यालयों में हिंदी में व्यवहार हो इसलिए राजभाषा अधिकारी को दायित्व निभाना पड़ता है। जैसे कि कार्यालयों में कर्मचारियों को हिंदी भाषा का प्रशिक्षण देना गृह पत्रिका का संपादन करना।प्रतियोगिताओं का आयोजन करना हिंदी दिवस तथा हिंदी पखवाड़ा मनाना पत्राचार करने के लिए हर संभव प्रयास करना राजभाषा विकास के लिए विशेष प्रयत्न करना तथा आदेशों का परिचालन करना राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठकों की सूची कार्यवृत्त तैयार करना आदि कार्य उन्हें निभाना पड़ता है। उसके लिए करीब 15000 से लेकर ₹100000 तक वेतनमान हो गया है। इस पद के लिए 18 साल से लेकर 35 साल तक के अर्थात आरक्षण के नियमानुसार आयु में छूट है। राजभाषा अधिकारी बनने के लिए हिंदी की उपाधि प्राप्त हो तथा स्नातक स्तर पर अंग्रेजी पढ़ी हो 77 अंग्रेजी का ज्ञान हो। पूर्व परीक्षा,मुख्य परीक्षा और व्यक्तिगत साक्षात्कार के बाद चयन होता है।भारतीय संविधान की देन के रूप में राजभाषा अधिकारी पद की ओर देखा जाता है।

3) अनुसंधान अधिकारी:-
सरकारी कार्यालयों मेंनिर्धारित परियोजनाओं को सफलता के साथ पूरा करने के लिए अनुसंधान अधिकारी को नियुक्त किया जाता है। इन्हें विभिन्न पत्रिकाओं के प्रकाशन में सहायता करना शब्दकोश द्विभाषी बहुभाषी कोर्स के लिए जानकारी तैयार करना प्रचलित विदेशी भाषा शब्दकोश तैयार करने में सहायता करना भाषा और संस्कृति के समन्वय के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करना और हिंदी भाषा के प्रचार और विकास के लिए प्रयास करना जैसे कार्य निभाने पड़ते हैं। किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से हिंदी में मास्टर डिग्री 77 हिंदी विषय का पूरा ज्ञान और वैकल्पिक स्तर पर अंग्रेजी की आवश्यकता है। शासन निर्णय अनुसार 18 से लेकर 35 तक आयु सीमा है।इस पद के लिए 40,000 से लेकर डेड लाक रुपयों तक मूल वेतन मान निश्चित है। लिखित परीक्षा और संगणक पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के द्वारा उम्मीदवारों की विभिन्न क्षमताओं की जांच के बाद नियुक्ति की जाती है। इस पद के लिए सामान्य ज्ञान अंग्रेजी भाषा का ज्ञान साथ साथ सामान्य जागरूकता, माननीय कौशल आदि के आधार पर परीक्षा के पश्चात नियुक्ति संभव है इस परीक्षा में गलत उत्तरों के लिए अंक काटे जाते हैं। अनुसंधान अधिकारी के पास नेतृत्व गुल का होना जरूरी है। अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी इस अधिकारी को निभानी पड़ती है।

4. निवेदक:-आधुनिक युग में निवेदन एक बेहतरीन कला मानी गई है। निवेदन लिखित और मौखिक दोनों रूपों में होता है वर्तमान काल में मीडिया के बढ़ते साधनों के कारण मौखिक निवेदन का अपना एक अलग महत्व है निवेदन करने वाला ही निवेदक कहलाता है जैसे कि रेडियो फिल्म दूरदर्शन या अलग-अलग समारोह में निवेदक की भूमिका ही महत्वपूर्ण रहती है निवेदन के लिए सुस्पष्ट सुबोध प्रभावशाली जीवंत मोहक और आकर्षक आवाज का होना जरूरी है। निवेदक की भाषा स्पष्ट भाषा पर प्रभुत्व उच्चारण कौशल समय सूचक ता आरोह अवरोह संबंधित घटना प्रसंग का ज्ञान श्रोता दर्शक का मनोविज्ञान जानने की योग्यता और अति शीघ्र निर्णय लेने की क्षमता और प्रासंगिकता औचित्य को पकड़कर निवेदन करना श्रेष्ठ माना गया है।निवेदक के रूप में आज रोजगार संभव है पदवी या पवित्र स्तर पर हिंदी विषय की उपाधि प्राप्त कर अपने भाषा पर अधिकार रखने वाला निवेदन शैली में निष्णात व्यक्ति निवेदन कर सकता है आज एक घटना प्रसंग के लिए 10 ₹10000 तक दिन में पारिश्रमिक ले रहे हैं। आज रोजगार के अवसर के रूप में निवेदक की ओर देखा जा रहा है हिंदी भाषा पर प्रभुत्व थोड़ा बहुत शेरो शायरी का ज्ञान समय सूचक ता और उच्चारण कौशल के आधार पर निवेदन कर निवेदक रोजी रोटी कमा सकता है।

5. क्रीडा समालोचक:-आज के गतिमान युग में क्रीडा समालोचक की भूमिका अधोलिखित हुई है प्राथमिक शिक्षा से लेकर विद्यालयों महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों तक विविध क्रीडा प्रकारों का ज्ञान देने वाले व्यक्ति के साथ-साथ समालोचक के रूप में उन्हें नौकरी या रोजगार प्राप्त हो रहे हैं। गांव गली से लेकर जिला तहसील राज्य राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संपन्न विभिन्न क्रीडा स्पर्धाओं में बड़े-बड़े आयोजन सफलता से संपन्न कराने में क्रीड़ा समालोचक की भूमिका अहम रहती है। आज वैश्विक स्तर पर अनेक क्रीडा स्पर्धा में तथा सामाजिक राजनीतिक आर्थिक जगत में खेल के बल पर खिलाड़ी अपना रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। क्रीडा समालोचक शब्द अंग्रेजी कॉमेंटेटर का हिंदी पर्याय है। हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा का ज्ञान आवश्यक है रेडियो टेलीविजन के माध्यम से फुटबॉल हॉकी क्रिकेट कबड्डीया अन्य खेल प्रकारों में क्रीडा समालोचक के रूप में पद प्रतिष्ठा और पैसा प्राप्त कर सकते हैं।भाषा पर जबरदस्त अधिकार,खेल का ज्ञान, खेल के नियमों और नियमों से उसे परिचित होना होगा। प्रसंग अनुरूप उचित शब्द प्रयोग और खिलाड़ी मनोवृति साथ-साथ जिंदादिल व्यक्तित्व भी आवश्यक है। आज क्रीड़ा समालोचक के लिए अलग-अलग स्थानों पर अच्छा खासा पारिश्रमिक भी मिल रहा है, बस अपने भीतर का भाषा कोशल उसे दिखाना होगा।

6. गीतकार:-गीतकार यह एक व्यक्तिगत स्वरूप का रोजगार है। भारत देश में हिंदी तथा प्रादेशिक भाषाओं में गीतकार ओने अपना विशेष स्थान जमाया है। फिल्मी जगत दूरदर्शन की धारावाहिक और अलग-अलग स्थान पर गीत लिखकर वह रोजगार अर्जन कर सकता है। प्रभावशाली व्यक्तित्व हिंदी भाषा का ज्ञान गीत संगीत और कला के प्रति आस्था ज़ी सिनेमा की दुनिया में अच्छे गीत दे सकते हैं। भाषा प्रभुत्व नव निर्माण की तमन्ना के बाद ही गीतकार कई प्रकार की गीत लिख सकता है भाव गीत भक्ति गीत राष्ट्रगीत प्रेम गीत पुणे गीत लोकगीत गौरव गीत वीर गीत लिखकर नाटक फिल्म धारावाहिक आदि क्षेत्रों में स्थल काल और प्रसन्न के आधार पर वह गीत लिखकर अमर हो सकता है साथ साथ अच्छी आमदनी भी प्राप्त होती है।घटना प्रसंग परिवेश पत्र आदि के अनुसार गीतकार को गीत लिखने पड़ते हैं।संगीत आत्मक ता ता रगो दत्ता दयात मक्ता ध्वन्यात्मक का भावात्मक ता श्रवण इयत्ता कोमलता सुबोध का सरलता सरस्वता आदि कई गुणों का गीत कार के पास होना आवश्यक है।“यह मेरे वतन के लोगों...इस गीत से लेकर अनारकली डिस्को चली तक और उसके भी आगे कई गीतकार ओने गीत लिखे हैं और धन कमाया है। युवा पीढ़ी अपना रोजगार जरूर ढूंढे। पठाण् लेखन क्षमता रुचि के बल पर रोजगार का माध्यम के रूप में गीतकार पद की ओर देखना चाहिए। धन के साथ मान सम्मान देने वाला यह पद है।

निष्कर्षत: रोजगार परक हिंदी, पाठ्यक्रम में छात्रों के भीतर अलग-अलग प्रकार के कौशल भाषा का ज्ञान उच्च शिक्षा पारंपरिक क्षेत्रों से हटकर अन्य क्षेत्रों में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना तथा निर्देश करने हेतु इन रोजगार परक पदों से परिचित कराना लक्ष्य रखा गया है।


 (econtent written by Dr E. S. Patil)


Woamn on a Roof

 (e-content developed by Prof. (Dr) N A Jaranadikar ‘अ वूमन ऑन अ रुफ ’ ही कथा डोरिस लेसिंग या लेखिकेने लिहिली आहे. स्त्रीकडे पाहण्याचा पुरु...