राधानगरी
महाविद्यालय,
राधानगरी
-प्रा. ए.एम.कांबळे
बी.ए. भाग.
1, सेमिस्टर-II
प्रश्नपत्र-B
(व्यावहारिक
लेखन)
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पाठ्यांश
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इकाई-2 पत्राचार: सामान्य परिचय
1. रोजगार प्राप्ति हेतु आवेदन पत्र (सरकारी, अर्ध सरकारी तथा गैर सरकारी)
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रोजगार प्राप्ति हेतु आवेदन पत्र :
यह एक विस्तृत पत्र होता है। इसके अंतर्गत प्रेषक अपना नाम, पता, जन्मतिथि, वैवाहिक स्वरूप, शैक्षिक योग्यता, कार्यानुभव, विशेष अर्हता आदि की निम्नांकित रूपरेखा के अनुसार जानकारी देकर सेवा का अवसर प्रदान करने की प्रार्थना करता/करती है। आवेदन पत्र में सौंपा जानेवाला कार्य अथवा जिम्मेदारी को निष्ठा, लगन से पूर्ण करने का आश्वासन होना चाहिए। ऐसे पत्र के साथ उचित दस्तावेज भेजना भी जरूरी होता है। आवेदन पत्र की भाषा अत्यंत स्पष्ट होनी चाहिए। आवेदक को ऐसे पत्र में झूठी जानकारी देने से बचना चाहिए। आवेदन पत्र का आधार तथ्य होना चाहिए।
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उदा.
दैनिक ‘नवभारत टाइम्स’ के दि. 4 अप्रैल, 2002 के विज्ञापन के अनुसार सुजय/सुजाता भोसले, 1151, ई वॉर्ड, इस्लामपुर, जि. सांगली, प्रबंधक, बैंक ऑफ इंडिया, विभागीय कार्यालय, नरिमन पाँइंट, मुंबई-400 032 के नाम ‘लिपिक’ पद के लिए आवेदन पत्र लिखता/लिखती है।
उपर्युक्त पत्र का नमूना तैयार कीजिए।
(रोजगार प्राप्ति हेतु आवेदन पत्र)
सुजय भोसले,
1151, ई वॉर्ड,
इस्लामपुर, जि. सांगली।
दि. 4 अप्रैल, 2002 प्रतिष्ठा में,
मा. विभागीय प्रबंधक,
बैंक ऑफ इंडिया,
विभागीय कार्यालय,
नरिमन पाँइंट,
मुंबई - 400 032 विषय: ‘लिपिक’ पद के संदर्भ में। संदर्भ: दैनिक ‘नवभारत टाइम्स’ के दि. 4 अप्रैल, 2002 के अंक में प्रकाशित आपका विज्ञापन। मान्यवर महोदय,
उपर्युक्त विज्ञापन के संदर्भ में नम्र निवेदन है कि आपकी बैंक में रिक्त लिपिक पद पर कार्य करने के लिए मैं उत्सुक हूँ। मेरी योग्यता एवं विस्तृत जानकारी निम्नांकित है-
1. पूरा नाम - सुजय नारायण भोसले।
2. जन्मतिथि - 5 अगस्त, 1980।
3. उम्र - 22 वर्ष।
4. वैवाहिक स्थिति - अविवाहित।
5. शैक्षिक योग्यता - बी. काॅम. (द्वितीय श्रेणी)
6. कार्यानुभव - स्थानीय बैंक में लिपिक पद पर 2 वर्ष कार्य।
7. विशेष योग्यता - संगणक संचालन में कुशल।
8. संदर्भ सूत्र - श्री. विश्वास पाटील, 21 सुर्वेनगर, सांगली।
मेरी उपरोक्त जानकारी एवं योग्यताओं को देखते हुए यदि आप मुझे आपकी बैंक में सेवा का अवसर प्रदान करेंगे, तो मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी दक्षता से निभाऊँगा। मेरी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण मुझे नौकरी की सख्त जरूरत है। आशा है, आप मेरी प्रार्थना का प्राधान्यता से विचार करेंगे।
आपका विनम्र,
(सुजय भोसले) ·
संलग्न : 1. उपाधि पत्र, 2. कार्यानुभव 3. संगणक परीक्षा प्रमाणपत्र। |
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सरकारी पत्राचार :
सरकारी पत्राचार में पत्रव्यवहार के विभिन्न रूपों में सबसे अधिक सरकारी पत्र का ही प्रयोग किया जाता है। सकरारी कार्य संपादन के लिए इसका मुख्य रूप से प्रयोग किया जाता है। विदेशी सरकारों, राज्य सरकारों, सरकार से संबद्ध कार्यालयों, जन-सेवी आयोगों, सार्वजनिक प्रतिष्ठानों, जन-निकायों, नगर-निगम, नगर पालिकाओं तथा जनप्रतिनिधियों आदि से सकार का जो भी पत्र व्यवहार होता है, वह प्रायः सरकारी पत्रों द्वारा ही होता है। परंतु यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में आपस में पत्र-व्यवहार के लिए सरकारी पत्र का प्रयोग नहीं किया जाता है।
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सरकारी पत्र के महत्त्वपूर्ण अंग इस प्रकार हैं-
1. सबसे ऊपर बीच में भारत सरकार तथा संबद्ध मंत्रालय का नाम।
2. पत्र की क्रमसंख्या, स्थान तथा दिनांक।
3. पत्र भेजने वाले का नाम और/या पद।
4. पत्र पाने वाले का नाम और / या पद।
5. संक्षेप में विषय।
6. संबोधन।
7. पत्र का कलेवर/कलेवर का प्रारंभ ‘मुझे ये सूचित करने का निदेश हुआ है कि’ वाक्य से।
8. स्वनिर्देश/हस्ताक्षर/पदनाम और पृष्ठांकन।
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उदा.
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भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से उपसचिव, महादेवन अय्यर, सहायक महानिदेशक (हिंदी), दिल्ली प्रशासन, दिल्ली को हिंदी कक्षाओं के पुनर्गठन के संबंध में सरकारी आदेश प्रेषित कर रहे हैं। सरकारी-पत्र का प्रारूप तैयार कीजिए।
(सरकारी पत्र)
भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय पत्र संख्या :
228/8/02
नई दिल्ली।
दि. 10 जनवरी, 2002 प्रेषक, महादेवन अय्यर, उपसचिव, भारत सरकार। सेवा में, सहायक महानिदेशक (हिंदी), दिल्ली प्रशासन, दिल्ली। विषय: हिंदी कक्षाओं का पुनर्गठन। महोदय, उपर्युक्त विषय के संदर्भ में मुझे यह सूचित करने का निदेश हुआ है कि विद्यार्थियों की संख्या घटने के कारण जो हिंदी कक्षाएँ बंद कर दी गई थी, उन्हें फिर से शुरू करने का निश्चय किया गया है। अतः निवेदन है कि आपके यहाँ हिंदी कक्षा, जो बहुत समय से निलंबित पड़ी है, फिर से यथाशीघ्र शुरू कर दी जाए। इस संबंध में यदि आपको कोई विशेष कठिनाई अनुभव हो, तो कृपया लिखे।
भवदीय,
(महादेवन अय्यर) उपसचिव, भारत सरकार। पत्र संख्या :
228/8/02 नई दिल्ली। दि. 10 जनवरी, 2002 ·
आवश्यक जानकारी तथा कार्यवाही के लिए प्रतिलिपियाँ प्रेषित- 1.
अधीक्षक, दिल्ली प्रशासन, दिल्ली। 2.
लेखा अधिकारी, दिल्ली प्रशासन, दिल्ली।
(महादेवन अय्यर) उपसचिव, भारत सरकार। |
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गैरसरकारी पत्र
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पदाधिकारियों से पत्र-व्यवहार
(पोस्ट मास्टर के नाम पत्र)
सेवा में, पोस्ट मास्टर, जनरल पोस्ट आफिस, दिल्ली। महोदय, निवेदन है कि मैं एक मास के लिए दिल्ली से बाहर जा रहा हूँ। इसलिए अनुरोध है कि मेरी डाक एक मास तक निम्नलिखित पते पर पुननिदेशित कर दी जाया करे- रामसिंह, मार्फत, भगवानसिंह, 104,
रेलवे रोड, जालंधर शहर। कष्ट के लिए धन्यवाद! 12 अगस्त, 2020 आपका विश्वासभाजन, 191 सी, कमलानगर,
रामसिंह दिल्ली। |
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