(A. M. Kamble)
राधानगरी महाविद्यालय, राधानगरी
बी. ए
. I आवश्यक हिंदी
सेमिस्टर III
द्वितीय
सत्र
इकाई
- III
अनुवाद
और विज्ञापन स्वरूप, प्रकार, महत्व, उपयोगिता
उद्देश
१.
अनुवाद के स्वरूप
२. प्रकारो ३.
महत्व ४.
उपयोगिता से परिचित
होगा
५. अनुवाद कार्य के प्रारूप का ज्ञान होगा ६.
विज्ञापन कार्य के प्रारूप का ज्ञान होगा
प्रस्तावना :—
आधुनिक युग में शिक्षा केवल ज्ञानार्जन का माध्यम न हरकर उपजीविका प्राप्त करने
का साधन बन गयी है | अनुवाद आज जागतिक स्तर पर महत्वपूर्ण बन गयी है
, हिंदी पाठ्यक्रम में इस विषय की आवश्यकता, महत्व को ध्यान में रखकर अध्ययन के लिए रखा है丨
विषय विवेचन :—
अंग्रेजी में ट्रान्सलेशन को हिंदी में अनुवाद कहा गया है प्रस्तुत शब्द की व्युत्पत्ति लैटीन शब्द ‘ ट्रान्स ' तथा लेशन के योग से हुई है ट्रान्स का अर्थ पार और लेखन का अर्थ ले जाने की क्रिया अर्थात ट्रान्सलेशन शब्द का अर्थ पार ले जाने की क्रिया परिभाषा ㅡ डॉ.
भोलानाथ तिवारी " एक भाषा में व्यक्त विचारों को यथासंभव समान और सहज अभिव्यक्ति द्वारा दूसरी भाषा में व्यक्त करने का प्रयास ही अनुवाद है।
अनुवाद के प्रकार : -
अध्ययन के लिए
१) कथानुवाद २)
काव्यनुवाद ३)
नाट्यानुवाद
कथानुवाद
: - स्रोत्
(मुल)
भाषा की कथा लक्ष भाषा में कथात्मक अनुवाद कथानुवाद कहा जाता है। कहानी, लघुकथा
उपन्यास
आदि का अनुवाद किया जाता
है|
अनुवाद में मूल भाषा की गदिमा को ध्यान में लेकर अनुवाद आवश्यक होता है।
२)
काव्यानुवाद : - काव्य रचनाओं का अनुवाद काव्यानुवाद कहा जाता है। काव्यानुवाद पद्य का मुक्त छंद के साथ गद्य में भी किया जाता है। काव्यानुवाद में बिंब, काव्य सौंदर्य एवं शैली विशेषण की पुनर्रचना करनी होती है।
३)
नाट्यानुवाद :- नाटक का अनुवाद रगमंचीय भूमि का
ध्यान में लेकर किया जाता है। प्रेमचंद के उपन्यासौं
का नाट्यानुवाद किया गया,
मन्नू भंडारी ने अपने महाभोज उपन्यास का नाट्यनुवाद किया था। इसके लिए रंगमंच की पूरी जानकारी एव नाट्य तत्वों का अनुवाद करना आता होता हैं।
२) प्रयोजन के आधात्पर अनुवाद के प्रकार, मानवी जीवन में अनुवाद विभिन्न उद्देशों को अनुवाद
२) वैज्ञानिक तकनीकी अनुवाद ३)
संचारमाध्यम के अनुवाद ४) अनुवाद ५)
विज्ञापन के अनुवाद.
१) कार्यालयीन अनुवाद
:- कार्यालयिन अनुवाद में स्त्रोत (मूल
) भाषा की कार्यालय संबंधी सामग्री को लक्ष्य भाषा में प्रस्तुत किया जाता है।
जैसे सरकारी पत्र, परिचय, सूचनाएँ, अधिसूचना नियम, परनियम, प्रेस विज्ञानं, आलेखन, टिप्पणी, प्रतिवदेन, तार, प्रमाणपत्र आवेदन पत्र संसदीय अधिवेशन आदि
२)
प्रयोजन के आधात्पर अनुवाद के प्रकार, मानवी जीवन में अनुवाद विभिन्न उद्देशों को अनुवाद २)
वैज्ञानिक तकनीकी अनुवाद ३)
संचारमाध्यम के अनुवाद ४) अनुवाद ५)
विज्ञापन के अनुवाद.
१) कार्यालयीन अनुवाद
:- कार्यालयिन अनुवाद में स्त्रोत (मूल
) भाषा की कार्यालय संबंधी सामग्री को लक्ष्य भाषा में प्रस्तुत किया जाता है।
जैसे सरकारी पत्र, परिचय, सूचनाएँ, अधिसूचना नियम, परनियम, प्रेस विज्ञानं, आलेखन, टिप्पणी, प्रतिवदेन, तार, प्रमाणपत्र आवेदन पत्र संसदीय अधिवेशन आदि
२) वैज्ञानिक एवं तकनीकी अनुवाद :- भौतिक, रसायन, जीव प्राणी, वनस्पति, पर्यावरण, गणित, सांख्यिकी संगणक, खगोल, भूगोल, यांत्रिकी, अभियांत्रिकी- भूगर्भ, अवकाश, विज्ञानं का अघिकतर साहित्य अंग्रेजी में या पाश्चात्य भावाओं अनुदित किया जाता है।
यह एक दूसरे देशो के हित रक्षण विज्ञान तकनीक लेन देन के लिए अनुवाद महत्त्वपूर्ण है।
३) मानविकी अनुवाद :- सामाजिक शास्त्र शाबा से जुड़े विषयों से संबंधित है। समाजशास्त्र, राज्यशास्त्र, इतिहास, मनोविज्ञान, भाषाविज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी, मराठी या विभिन्न प्रांतीय भाषाएँ शिक्षा अनुसंधान, सर्वेक्षण, परियोजना, मातृभाषा आदि के लिए अनुवाद आवश्यक हो गया है।
४) संचार माध्यम अनुवाद :- एक भाषा के संचार माध्यमो की सामग्री दूसरी भाषा में अनुदित करना संचार माध्यम अनुवाद कहा जाता है वर्तमान युग में संचार माध्यमों ने देश विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
पत्र, पत्रिकाएँ दूरदर्शन, आकाशवाणी, संगणक, ईंटरनेट, राजनीती, खेल,
व्यापार, विज्ञानं साहित्य, जीवन से संबंधित सभा विषयों के लिए अनुवाद अनिवार्य हो गया है।
५) विज्ञापन अनुवाद :- समाचारपत्र, दूरसंचार , आकाशवाणी, संगणक, ईंटरनेट आदी विज्ञापन प्रभावी माध्यम बना है.
स्त्रोत भाषा के विज्ञापन का लक्ष्य भाषा में अनुवाद करना विज्ञापन अनुवाद कहा जाता हे . विज्ञापन ग्राहकोंको आकर्षित करने के लिए वस्तुओं का विशेष रूप से जानकारी देकर उन्हें आकर्षित करने की कला विज्ञापन में होती हैं।
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